दोस्तों आज की इस आर्टिकल पर जाएंगे उड़ीसा शहर के बारे में उड़ीसा राज्य में कितने जिले हैं और उड़ीसा से संबंधित जानकारियां पाएंगे जैसे कि उड़ीसा का इतिहास, उड़ीसा की राजधानी, उड़ीसा में घूमने वाली जगह, इन तमाम तरह की जानकारियां दी पाएंगे इसलिए के माध्यम से तो आप ध्यानपूर्वक पढ़ें और उड़ीसा राजधानी कहां है इसके अलावा उड़ीसा की राजधानी एवं महत्वपूर्ण जानकारी आपको मिलने वाली है |
ओडिशा की राजधानी क्या है (Odisha Ki Rajdhani)
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर है तो हम उड़ीसा के राज्य के बारे में जानेंगे जैसे कि उड़ीसा राज्य पूर्वी तट पर स्थित है उड़ीसा राज्य के उत्तर में झारखंड उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल और दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ़ स्थित है इसके अलावा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है उड़ीसा का प्राचीन नाम कलिंग था जिसे 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक आक्रमण करके जीता था इस आक्रमण का परिणाम बहुत ही भयानक हुआ था, जिसे देखकर अशोक सम्राट ने बौद्ध धर्म का अंगीकार किया।
उड़ीसा राज्य की स्थापना कटक के कनिका पैलेस में 1 अप्रैल 1936 में हुई थी उस समय उड़ीसा को भारत का राज्य बनाया गया था और ज्यादातर लोग उड़िया भाषा में बात करते थे आज भी उड़ीसा में उत्कल दिवस एवं उड़ीसा दिवस के रूप में 1 अप्रैल को मनाया जाता है।
odisha ki rajdhani kaha hai
आपको बता दे ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर है जो की ओड़िशा से पहले राजधानी सिर्फ 29 किमी दूर है। जिसकी वर्तमान में जनसंख्या करीब 9 लाख है, भुवनेश्वर ओड़िशा का युग्म शहर भी कहा जाता है। और उड़ीसा के संबलपुरी के पास में ही विश्व का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध हीराकुंड भी स्थित है इसके अलावा उड़ीसा में कई ऐसी जगह है |
जहां घूमने के लिए भी जाया जा सकता है, जैसे कि कोणार्क और भुवनेश्वर जैसी- पर्यटक स्थल उपस्थित है यहां विश्व में सबसे प्रसिद्ध कोणार्क मंदिर जो देखने के लिए हर साल लाखों लोग यहां आते हैं, इसके अलावा ब्रानपुर के पास अशोक का प्रसिद्ध शिलालेख भी है यहां पर भी आप देख सकते हैं और अब जानते हैं ।
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ओडिशा के बारे में जानकारी
उड़ीसा के बारे में एक बहुत बड़ी घटना हुई थी चक्रवात के समय में 1 अक्टूबर 1999 में यह चक्रवात आया था जिसमें 10000 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई थी और इसमें माल खाने की भी बहुत ही ज्यादा नुकसान हुई थी ।
आर्टिकल का नाम | Capital of Odisha in Hindi – ओडिशा के बारे में जानकारी |
ओडिशा राज्य का गठन कब हुआ | 1 अप्रैल 1936 |
ओडिशा की राजधानी | भुवनेश्वर |
सबसे बड़ा शहर | भुवनेश्वर |
ओडिशा में जिले | 30 |
जनसंख्या (2011) के अनुसार | 4,19,74,218 |
ओडिशा की राजभाषा | ओड़िया |
ओडिशा का राजकीय फूल | अशोका |
ओडिशा का राजकीय पेड़ | पीपल |
ओडिशा का राजकीय पक्षी | नीलकंठ |
ओडिशा का राजकीय पशु | साम्भर हिरण |
आधिकारिक वेबसाइट | https://odisha.gov.in |
भुवनेश्वर में घूमने की जगह
- राजा-रानी मंदिर
- मुक्तेश्वर मंदिर समूह
- लिंगराज मंदिर समूह
- राज्य संग्रहालय
- हीरापुर
राजा रानी मंदिर
राजा रानी मंदिर यह प्राचीन काल 11 वीं शताब्दी को स्थापना हुई थी और राजा रानी नाम पड़ने का कारण वहां की सुंदर पत्रों के नाम राजा रानी कहा जाता है इसलिए राजा रानी नाम पड़ा और इस मंदिर पर भगवान शिव और माता पार्वती की भव्य मूर्ति स्थित है। और यह मंदिर पर कुछ कलाकृतियों का भी ध्यान दिया गया है |
जैसे कि आपको खजुराहो में देखने को मिलता है और यह घूमने के लिए आपको ₹5 और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹100 और मंदिर खुलने का समय सुबह 6:00 बजे से लेकर शाम के 6:00 बजे तक है यदि आपको ना चाहे तो आप इस समय पर जाएं घूमने का आनंद उठाएं और यदि आप फोटोग्राफी करना चाहते हैं तो आप उसका सिर्फ ₹25 देंगे।
लिंगराज मंदिर समूह
इस मंदिर की स्थापना 11वीं शताब्दी को किया गया था और इसकी ऊंचाई 185 फीट है और यह उड़ीसा का सबसे महत्वपूर्ण मंदिर माना जाता है और यह मंदिर चतुर्भुज कमरा देखने को मिलता है मंदिर में स्थित मूर्तियां 4 पोलिंग पत्थर से बनी हुई है और इस मूर्तियों एवं मंदिर की खासियत है कि आज भी मूर्तियां चमकती है लिंगराज मंदिर में सिर्फ हिंदू के लिए प्रवेश और गैर हिंदुओं को जाने के लिए मना किया गया।
राज्य संग्रहालय
राज्य संग्रहालय की बात करें तो 12 वीं शताब्दी में गीता गोविंद भी संग्रहालय में जाने के लिए एक रुपए का प्रवेश देना होता था जो कि 10:00 बजे से लेकर 5:00 बजे तक खुला रहता है और सोमवार के दिन बंद रहता है यदि आप राज्य संग्रहालय में घूमना चाहते हैं तो आपको भुवनेश्वर के राज्य में जयदेव मार्ग पर स्थित है वहां पर चीन काल की अद्भुत चित्रों का संग्रह देखने को मिलेगा।
हीरापुर
हीरापुर 1958 में स्थापित किया गया था और भुवनेश्वर से लगभग आपको 15 किलोमीटर की दूरी पर जाना होगा और इस गांव में सबसे छोटी योगिनी मंदिर चौसठ योगिनी जिसे कहते हैं और इसका निर्माण नवी शताब्दी में हुआ था और मंदिर का व्यास 30 फीट का है मंदिर के अंदर चौसठ योगिनी उन्मुक्ति बनाई गई जहां 60 मूर्तियों मंदिर के दीवार मैं इस्तीफा लेने रखा गया है बात करें वहां घूमने के खर्चे की थे ₹10 का सुनकर देना होता है।
मुक्तेश्वर मंदिर समूह
मुक्तेश्वर मंदिर की स्थापना 650 ईसवी के आसपास हुई है लगभग 100 गज की दूरी में स्थापित है, मुख्य 2 मंदिर हैं जिसमें से परमेश्वर मंदिर और मुक्तेश्वर मंदिर भी शामिल है और यह बहुत ही खूबसूरत जाली से सजाया गया है मंदिर के गर्भ गृह में एक शिवलिंग भी स्थित है सीलिंग की अपेक्षा बहुत ही ज्यादा चमकीला है |
Mukteshwar Mandir Samuh की अपेक्षा छोटा मंदिर की स्थापना 10वीं शताब्दी में हुई थी और वहां दाएं तरफ में एक छोटा कुआं भी है इस कुएं में मरीचि कुंड के नाम से चलते हैं जिसमें से स्त्री स्कूलो में स्नान करती है तो उसका बांझपन दूर हो जाता है ऐसा मानना है।
उड़ीसा का इतिहास
उड़ीसा राज्य की बात करें तो उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर है और यहां पर विश्व का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध हीराकुंड भी स्थित है और उड़ीसा में मौजूद ऐसे कई पर्यटक स्थल है, जहां घूमने के लिए लोग आते हैं जैसे कि कोणार्क मंदिर और अशोक का प्रसिद्ध शिलालेख यहां प्रतिवर्ष लाखों लोग घूमने के एवं जानने के माध्यम से आते हैं और राज्य की स्थापना भागीरथ वंश के राजा उड़ने की थी ।
जिन्होंने अपने नाम के आधार पर नवीन और वंश व और राज्य की स्थापना की समय की बदलते हुए तीसरी सदी में और राज्य पर महा मेघवाहन माठा वंश, वंश ।
और उड़ीसा का प्राचीन काल में कलिंग के नाम से जाना जाता था और सम्राट अशोक ने 261 प्राचीन काल में कलिंग पर चढ़ाई कर विजय प्राप्त की थी इसके पश्चात युद्ध को त्याग कर बौद्ध मत को अपनाया था। यह हमने उड़ीसा के इतिहास के बारे में शार्ट में बताया है मुझे आशा है आपको जरूर पसंद आया होगा।
FAQs: Odisha ki rajdhani (प्रश्नोत्तर)
odisha ki rajdhani
उड़ीसा का मुख्यमंत्री Naveen Patnaik है |
प्राचीन काल के समय में मध्यकाल तक ओड़िशा राज्य को ये नमो से जाना जाता था – कलिंग, उत्कल, उत्करात, ओड्र, ओद्र, ओड्रदेश, ओड, ओड्रराष्ट्र, त्रिकलिंग, दक्षिण कोशल, कंगोद, तोषाली, छेदि तथा मत्स आदि नामों से जाना जाता था।
ओडिशा में जिले 30 है |
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