मानव के साधन क्या है और उनका विकास कैसे हुवा।

इस आर्टिकल पर मनुष्य के द्वारा बनाए गय नियमो को भली भांति बताया गया है मानव विकास पर लोगो ने कैसे काम किया और उसका उपयोग कैसे हुवा समाज से संबंधित कुछ बिंदु भी दर्शाए गय है जैसा कि मनुष्य का विकास होने में कुछ टाइम लगा कोई भी काम आसानी से नही होता h इसके लिए लोगो ने संघर्ष किया । मानव के विकास कब हूवा ये इक्साम में पूछे जाने वाले प्रश्न होते हैआप इनको ध्यान पूर्वक पड़े ।

मानव संसाधन – विकास

मानव को अपने विकास के लिए संसाधनों का अभाव नहीं है, प्रकृति ने उसे सब कुछ दिया है जैसे खेत खलिहान पेड़ सूक्ष्म फूल फल पहाड़ बारिश तूफान तूफान गर्मी जीव जंतु पशु पक्षी अच्छा धातु भंडार अथाह धातु भंडार उर्जा बाजार सूरज चाँद आदि इन सब का उपयोग एवं उपभोग करने वाला एकमात्र अधिकार ही है

मानव संसाधन विकास एक संयुक्त प्रक्रिया है।
जिसमें मानव शक्ति, संसाधन, धन, आवश्यक है किसी एक की कमी विकास मे बाधक होती है मानव कि शक्ति प्राकृतिक संसाधन और धन साधन है जिसके बल पर अपनी बुद्धि के बल पर संसाधनों में परिवर्तन कर आवश्यकताओं को पूरा करता है यही

मानव का विकास कैसे हुवा

समाज में सामाजिक व्यवस्था और नियंत्रण बनाए रखते हैं मूल्यों की भूमिका का बड़ा महत्व है मूल एक प्रकार का सामाजिक पैमाना है जिसके आधार पर हम किसी व्यक्ति के व्यवहार गुण साधन व्यक्ति का लक्ष्य उचित अनावश्यक बुरा दोष रखते हैं यह किसी एक अच्छा की पहचान ना हो किसी एक व्यक्ति की भविष्यवाणी ना समूह एवं समाज की भविष्यवाणी होते है

मानवीकरण

समाजों में भिन्न भिन्न प्रकार के मूल्य पाए जाते हैं भारत में यौन पवित्रता का मूल्य पाया जाता है यहां विवाह के पहले बाद में पति पत्नीयहां विवाह के पहले बाद में पति पत्नी के अलावा यौन संबंधी छूट नहीं है जबकि अनेक जनजातियों में यौन संबंधों की छूट होती है इसी प्रकार ईमानदारी सच बोलना सहयोग व सेवा के सामाजिक मूल्य आवश्यकता की पूर्ति करते हैं आवश्यकता बदलने पर मूल्य भी परिवर्तित होते रहते हैं

मानव का प्रत्यक्ष रूप से कार्य करना

प्रत्यक्षीकरण एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को किसी वस्तु उद्दीपक व अन्य व्यक्तियों के संबंध में अर्थ पूर्ण ज्ञान होता है
प्राप्त होता है एक सामाजिक प्राणी वह अपने सामाजिक प्रत्यक्षीकरण और निर्माण में समाज के प्रभाव से बच नहीं सकता है समाज का जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के व्यक्ति के संपर्क में आता है तब वह सर्वप्रथम उस व्यक्ति के बोलने के तरीके हाव-भाव अंग संचालन आदि का प्रत्याक्षीकरण प्राथमिक रूप से करता है

मानव जीवन पर संदर्भ

इस संदर्भ में आपका निर्णय निश्चित करता है कि प्रत्यक्षीकरण में छात्र एक दूसरे के संपर्क में आने के फल स्वरुप में प्रत्यक्षीकरण में छात्र एक दूसरे के संपर्क में आने के सप्ताह में एक दूसरे को प्रभावित करते हैं और सामाजिक प्रत्यक्षीकरण की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं एनसीसी कैडेट सामाजिक प्रत्यक्षीकरण की प्रक्रिया एनसीसी कैडेटों में तीव्र इसलिए पाई गई क्योंकि एनसीसी कैडेट विभिन्न शिविरों में विशिष्ट-विशेष प्रदेशों में आए कैडेटों के साथ रहते हैं क्योंकि वे अपने भविष्य के बारे में एक दूसरे की जानकारी हासिल करके निर्माण करते हैं

समाज से संबंधित कुछ बिंदु

1.सूचनाओं की मात्रा एवं क्रम
2.प्रत्यक्षीकरण की क्षमता
3.सामाजिक संरचना
4.व्यक्तियों की विशेषताएं
5..बार-बार दोहराना
6.पहचान
7.सामाजिक सहमति
8.मुख्य व्यवस्था
सामाजिक बिंदु

सामाजिक प्रत्यक्षीकरण एवं निर्णय को प्रभावित करने वाले कारक

प्रेरणा व्यक्ति की वह अंत निर्मित सकती हैजो व्यक्ति को क्रिया करने की प्रेरणा देती है व्यवहार से ही प्रेरणा का अनुमान लगाया जा सकता है प्रेरणा व्यक्ति के व्यवहार में उद्देश्य की दशा निर्धारित करती हैं

मनुष्य का व्यक्तित्व

व्यक्ति में जितने विशेषताएं होती हैउन सभी का संगठित रूप व्यक्तित्व हैअथवा व्यक्ति के जन्मअथवा व्यक्ति के जन्मजात एवं अर्जित गुणों का संगठनअथवा समन्वय ही व्यक्ति का व्यक्तित्व कहलाता हैव्यक्तित्व में मुख्य मुद्दा चाल ढाल वेशभूषा बातचीत का ढंगव्यक्ति की बुद्धि योगयता बुद्धि योग्यता आदत रुचियां दृष्टिकोण चरित्र इत्यादि शामिल होते हैं

       

व्यक्तित्व का विकास

व्यक्तित्व की प्रक्रिया गर्भाधान से लेकर मृत्यु तक सदैव चलती रहती हैव्यक्तित्व के विकास के लिए मुख्यता दो प्रमुख आधार हैं❕

वंशानुक्रम

-इसके अंतर्गत वह कारण आते हैं जो मुख्य रूप से व्यक्तित्व के शारीरिक रचना तथा स्नायु तंत्र का निर्माण करते हैं

इसके अंतर्गत व प्राकृतिक सामाजिक एवं संस्कृत कारक आते हैं जो व्यक्तित्व के सामाजिक सांस्कृतिक गुणों का विकास करते हैं

पर्यावरणीय जीवन में प्रभाव

आदत-आदत एक सीखा हुआ कार्य कार्य अर्जित व्यवहार है जो स्वता होता हैअच्छी बुरी दोनों ही प्रकार की होती हैंआदतों में सुधार निर्माण करने में हेतु कुछ नियम उपाया सिद्धांत है इनकोो अपनाने में व्यक्तित्व का विकास होगाइनको अपनाने में व्यक्तित्व का विकास होगामुख्य सिद्धांत निम्न है

संकल्प

जिस् कार्य करने की आदत डालना चाहते हो उसके बारे में दृढ़ संकल्प करना चाहिए
जिस कार्य का आप संकल्प करें उसे पहले अवश्य पूर्ण कीजिए

क्रियाशीलता

निरंतरताजब तक नहीं आदत आपके जीवन में पूर्ण रुप से स्थाई ना हो जाएतब तक उस में व्यवधान नहीं देना चाहिए

अभ्यास


प्रतिदिन थोड़े से अचित अभ्यास के द्वारा कार्य करने की शक्ति को जीवित रखिि

पुरस्कार

आदतों के निर्माण करने के लिए क्रेडिट को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित करना चाहिए

               

नागरिकता मनुष्य की कैसे हो

नागरिक उस व्यक्ति को कहते हैं जो राज्य के प्रति भक्ति रखता होतथा उसे राजनीति व सामाजिक अधिकार प्राप्त होऔर जो लोग सेवा की भावना से प्रेरित होता होऔर जो लोक सेवा की भावना से प्रेरित होता हो

   

नागरिक के अधिकार क्या होते है ।

अधिकार वह मांग है जिसे समाज स्वीकार करता है और राज्य लागू करता है भारतीय नागरिकों कोमौलिक अधिकार प्राप्त है

नागरिक अधिकारों की सूची

समानता का अधिकार(अनु.14-18)
स्वतंत्रता का अधिकार(अनु.19-22)
शोषण के विरुद्ध अधिकार(अनु.23 -24)
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार(अनु .25-28)
संस्कृति और शिक्षा संबंधित अधिकार(अनु .29- 30)
संवैधानिक उपचारों का अधिकारअनु (.32)
अनुच्छेद सहित

दोस्तो आपको बहुत ही अच्छे माध्यम से हमने मानव के विकास से जुड़ी हुई लेख का विस्तार सहित लिखा गया है जैसा कि सूची द्वारा भी दर्शाय गया है तो आशा करते है की ये पेज आपको बहुत पसंद आया होगा अपने मित्रों के साथ शेयर करे धन्यवाद

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