आज के इस लेख में केदारनाथ मंदिर जाने का सबसे सरल रास्ता हम आपको इस आर्टिकल बहुत सारे श्रद्धालु ले जाना चाहते हैं कि केदारनाथ का सबसे आसान रास्ता कौन है और ज्यादा से ज्यादा लोग केदारनाथ जाना चाहते हैं ।
- भगवान शिव को समर्पित और 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ पवित्र स्थल है।
- यह मंदिर बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच स्थित है।
- समुद्र तल से 3585 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारानाथ मंदिर उत्तराखंड (Kedarnath Temple Uttarakhand) में चार धाम और पंच केदार का एक हिस्सा है।
- हर साल लाखों श्रद्धालु दिल्ली के रास्ते केदारनाथ धाम की यात्रा करते हैं।
केदारनाथ की यात्रा 5 रातें 6 दिन
- दिल्ली से हरिद्धार (230 किमी) या 6 घंटे
- हरिद्वार से रूद्रप्रयाग (165 किमी) या 6 घंटे
- रुद्रप्रयाग से दो रास्ते: एक रास्ता केदारनाथ और दूसरा रास्ता बदरीनाथ
- रूद्रप्रयाग से केदारनाथ (75 किमी ) 3 घंटे
- 14 किमी ट्रेक केदारनाथ से रूद्रप्रयाग – (75 किमी) 3 घंटे
- रूद्रप्रयाग से हरिद्वार- 160 किमी 5 घंटे
- हरिद्वार से दिल्ली 230 किमी 6 घंटे
केदारनाथ के पास घूमने की जगहें –
- गांधी सरोवर
- गौरीकुंड मंदिर
- सोनप्रयाग
- वासकुी ताल
केदारनाथ की दिल्ली से ट्रेन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली से ट्रेन सिर्फ हरिद्वार तक के लिए मिलेगी । उसके बाद या तो आपको हेलीकॉप्टर से जाना पड़ेगा या तो पैदल ही यात्रा करनी पड़ेगी। यह आप पर निर्भर करता है कि आप को किस प्रकार जाना
फ्लाइट दिल्ली से करके केदारनाथ
आप फ्लाइट से केदारनाथ जाना चाहते हैं, तो देहरादून में जॉली ग्रेट एयरपोर्ट है। यह केदारनाथ से लगभग 239 किमी दूर है। देहरादून से केदारानाथ जाने के लिए बस और टैक्सी की सुविधा भी उपलब्ध हैँ।
सड़क के रास्ते दिल्ली से केदरानाथ
- अगर आप बस से जाना चाहते हैं,
- तो आपको दिल्ली से हरिद्वार , हरिद्वार से रूद्रप्रयाग और फिर रूद्रप्रयाग से केदारनाथ जाना होगा।
- अगर आप अपनी कार या बाइक से केदारनाथ जाना चाहते हैं,
- तो दिल्ली से कोटद्वार और कोटद्वार से रूद्रप्रयाग आना होगा।
- पौड़ी जिले से होते हुए रूद्रप्रयाग से केदारनाथ पहुंच सकेंगे।
केदारनाथ की यात्रा कब चालू होती है और कब बंद होती है
- यह मंदिर अप्रैल के अंत और मई के पहले सप्ताह में खुलता है
- अक्टूबर के अंत और नवंबर के पहले सप्ताह में बंद हो जाता है।
केदारनाथ की विशेषता
- केदारनाथ जाने की कई वजहें हो सकती हैं
- जिनमें पहली वजह धार्मिक ही है।
- केदारनाथ एक पवित्र तीर्थ स्थल है
- जहां भगवान शंकर का ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग स्थापित है।
- यदि आप धार्मिक वजह से न भी आएं तो प्राकृतिक नजारों को देखने के लिए यहां आ सकते हैं
- पर मौज मस्ती के उद्देश्य से यहां कभी नहीं आएं। Kedarnath
Special poin
- केदारनाथ धाम हर तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है।
- एक तरफ है करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ,
- दूसरी तरफ है 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड
- तीसरी तरफ है 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड।
- इतना ही नहीं बहुत कुछ ऐसा केदारनाथ के बारे में जो आपको जानना चाहिए।
FAQs: केदारनाथ जाने का सबसे सस्ता तरीका
दिल्ली से हरिद्वार के लिए ट्रेन लेनी होगी। हरिद्वार से सड़क के रास्ते या फिर हेलीकॉप्टर से केदारनाथजा सकते है।
केदारनाथ जाने के लिए आपके पास 8-9 दिन का समय होना चाहिए
केदारनाथ जाने के लिए में से अक्टूबर के बीच के समय जाना चाहिए क्योंकि इस समय बहुत अच्छा और सुख का भाव प्रतीत होता है
केदारनाथ में जुटे चप्पल लेकर नहीं जाना चाहिए और ना ही कोई ऐसी वस्तु लेकर जाएं जो चोरी हो जाए और मोबाइल तो बिल्कुल सेफ जगह पर रखें ।
केदारनाथ की उत्पत्ति आठवीं शताब्दी में हुई ।
केदारनाथ मंदिर का अस्तित्व कम से कम 1200 वर्ष पुराना है