मध्य प्रदेश का इतिहास – Madhya Pradesh ka itihaas

दोस्तो आज के इस आर्टिकल पर मैं बताने वाली हूं मध्य प्रदेश के इतिहास के बारे में जैसे कि आपको पता होगा मध्य प्रदेश से अलग-अलग पांच राज्य स्थित है।

Hestory off mdhya prdesh

मध्य प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है । जिसकी राजधानी भोपाल है । मध्य प्रदेश 1 नवंबर 2000 तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत के सबसे मध्य प्रदेश 1 नवंबर 2000 तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था

इस दिन मध्य प्रदेश राज्य के 16 जिले अलग-अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई मध्य प्रदेश की सीमा के पास मध्य प्रदेश की सीमाएं पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती हैं मध्य प्रदेश मुख्य रूप से अपने पर्यटन के लिए भी जाना जाता है

मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल

1जल प्रताप
2किला
3रीवा
4उज्जैन
5ग्वालियर का किला
6सांची
7बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
8ओरछा
9उदयगिरि गुफाएं
10कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
11अमरकंटक
12इंदौर,भीमबेटका शैलाश्रय
मध्य प्रदेश के के प्रमुख उदाहरण हैं ।

उज्जैन मे 12 वर्षों बाद कुंभ लगता है

उज्जैन जिले में प्रत्येक 12 वर्षों में कुंभ सिंह इस खेल मेले का पुण्य पर्व विश्व स्तर का प्रसिद्ध है शिवपुरी मध्य प्रदेश की पर्यटन नगरी है ।खनिज स्थानों से समृद्ध मध्य प्रदेश हीरे और तांबे का सबसे बड़ा भंडार है।

1947 में भारत की आजादी

अपने क्षेत्र की 30% से अधिक वन क्षेत्र के अधीन है इसके पर्यटन उद्योग में काफी वृद्धि हुई है राजा ने वर्ष 2010- 11 के लिए राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार जीता था

1947 में भारत की आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 के दिन भारतीय गणराज्य के गठन के साथ सैकड़ों रियासतों का संगगठन के साथ सैकड़ों रियासतों का संघ में विलय किया गया था। राज्यों के पुनर्गठन के साथ तक सीमा को तर्कसंगत बनाया गया ।

1950 ब्रिटिश का इतिहास

  • मकाराई के राजसी राज्य और छत्तीसगढ़ मिलाकर मध्य प्रदेश का निर्माण हुआ तथा नागपुर को राजधानी बनाया गया
  • सेंट्रल इंडिया एजेंसी द्वारा मध्य भारत विंध्य प्रदेश और भोपाल जैसे नए राज्यों का गठन किया गया
  • राज्यों के पुनर्गठन के परिणाम स्वरुप 1956 में मध्य भारत विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्य को
  • मध्य प्रदेशराज्यों के पुनर्गठन के परिणाम स्वरुप 1956 में मध्य भारत विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्य को मध्यप्रदेश के विलीन कर दिया गया
  • तत्कालीन सी .पी.और बरार के कुछ जिलों को महाराष्ट्र मे स्थानांतरित कर दिया तथा राजस्थान गुजरात
  • और उत्तर प्रदेश में मामूली समायोजन किए गए फिर भोपाल राज्य के समायोजन किए गए ।
  • फिर भोपाल राज्य के नई राजधानी बनाई गई शुरू में राज्य के 43 जिले थे इसके बाद वर्ष 1972 में दो बड़े जिलों का बंटवारा किया गया
  • सीहोर से भोपाल और दुर्ग से राजनंदगांव अलग किए गए तब जिलों की कुल संख्या 45 हो गई थी
  • वर्ष 1998 में बड़े जिलों से 16 अधिक जिले बनाए गए और जिलों की संख्या 61 बन गई नवंबर 2000 में राज्य का दक्षिण पूर्वी हिस्सा विभाजित कर छत्तीसगढ़ का नया राज्य बना
  • इस प्रकार वर्तमान प्रदेश राज्य अस्तित्व में आया जो देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है और जो तीन सौ आठ लाख हेक्टेयर है भौगोलिक क्षेत्र पर फैला हुआ है।

मौर्य काल का शासक

मौर्य काल में अवंती प्रदेश का कुमारामात्य अशोक था। अपने पिता बिंदुसार की मृत्यु के पश्चात अशोक शासक बना अशोक के शिलालेख जबलपुर से 30 मीटर की दूरी पर रूपनाथ स्थान से प्राप्त हुए थे।

1818 ई में सर्वप्रथम जनरल टेलर ने यहां के स्मारकों की खोज की थी। 1818 में मेजर कोन स्तूप संख्या एक को भरवाने के साथ उसके दक्षिण पूर्व तोरणद्वारो तथा स्तूपत था इस तोप के तीन जने हुए तथा रोड़ों को पुनः खड़ा करवाया था।

इस तूफान का निर्माण मौर्य सम्राट अशोक के समय में ईंटों की सहायता से किया गया तथा उसके चारों ओर कास्ट के देविका बनी थी अशोक का संघभेद रोकने की आज्ञा वाला अभिलेख यहां से मिला था।

महास्तूप में भगवान बुद्ध के द्वितीय मैं अशोक कालीन धर्म प्रचारकों के तथा तृतीय में बुध के दो प्रमुख शिष्य सारीपुत्र तथा महामोदग्लायन के दर्द के दंत अवशेष सुरक्षित है राष्ट्रकूट वंश के शासकों के अंतिम समय में इस वंश का प्रभाव उत्तर की ओर बढ़ रहा था।

क्योंकि अंतिम शासक कृष्ण तृतीय का नाम छिंदवाड़ा जिले के नींमकणठी शिलालेख में भी आता है। तथा इसी की प्रशस्ति से युक्त एक शिलालेख मध्य प्रदेश की मध्य प्रदेश की उत्तरी सीमा पर और मेहर की पश्चिम दिशा में लगभग 12 मील दूर जुड़ा नामक ग्राम से प्राप्त हुआ है

भांदक प्राप्त कृष्णराज प्रथम का ताम्रपत्र सबसे प्राचीन है जो नंदी पुरीद्वारी आधुनिक नान्दूर में लिखा गया था। इसमें सूर्य मंदिर के एक पुजारी को दान का उल्लेख हुआ था परवर्ती राष्ट्रकूट शासकों के वैवाहिक संबंध त्रिपुरी के कलचुरियों से हुए थे

राष्ट्रकूट राजवंश की एक शाखा पहले होशंगाबाद के निकटवर्ती प्रदेश पर शासन करती थी। राष्ट्रकूट वंश के एक अन्य राजा गोल्हवदेव का उल्लेख लगभग 12 वीं शताब्दी के बहुरीबंद स्थान में स्थित जैन मूर्ति लेख से प्राप्त हुआ था संभवतया यह त्रिपुरी के कलचुरी राजवंश का सामंत था।

परमार राजवंश -: ( parmar dynasty)

नैषधीयचरित्र के लेखक श्रीहर्ष एवं प्रबंधचिंतामणि मेरूतुंग थे। राजा भोज ने चिकित्सा गणित व व्याकरण पर अनेक ग्रंथ लिखे थे ।

भोज कृति युक्ति कल्पतरू मे वास्तु शास्त्र विविध के साथ-साथ विभिन्न वैज्ञानिक यंत्रों व उनके उपयोग का वर्णन हुआ। भोजपुर नामक नगर की स्थापना राजा भोज ने की थी।

  • Permar wansh – परमार राजवंश परमार वंश का स्थापक उप केंद्र राज्य है की राजधानी धारा नगरी है
  • इस वंश का सबसे शक्तिशाली शासक राजा भोज था राजा भोज ने भोपाल के दक्षिण में भोजपुर नामक झील का निर्माण करवाया।
  • परमार वंश के अब तोमर वंश उसके बाद चौहान वंश अनंत 1297 ई में अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति नुसरत खां उगुल खां ने मलवा पर अधिकार कर लिया था
  • भोज ने अपनी राजधानी में सरस्वती मंदिर का निर्माण करवाया
  • इस मंदिर से पर इस पर में संस्कृत विद्यालय भी खोला गया था। राजा भोज के शासनकाल में धारा नगरी विद्वान हुआ
  • विद्वानों की प्रमुख केंद्र थी इनके चित्तौड़ में त्रिभुवन नारायण मंदिर का निर्माण करवाया गया।
  • नवसाहसांकचरित के रचयिता पदमा गुप्त दशरुप के रचयिता धनंजय धनिक हाला युद्ध एवं अमित गति
  • जैसे विद्वान वॉक के वाक्यपति पति मंजू के दरबार में रहते थे राजभोग कविराज की उप उपाधि से विभूषित शासक

मध्य प्रदेश का इतिहास पुरापाषाण युग

शुरूपुरापाषाण युग से ही शुरु हो चुका है इसे मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है भीमबेटका की गुफाएं वर्तमान में मध्य ने भीमबेटका की गुफाएं

वर्तमान में मध्यप्रदेश मेंभीमबेटका की गुफाएं वर्तमान में मध्य प्रदेश में स्थित है नर्मदा नदी घाटी के विभिन्न स्थानों पर पाषाण युग के कई उपकरण पाए गए हैं

एरान कायथ महेश्वर नागदा वा नवदतोली सहित कई जगहों पर ताम्र युगीन स्थानों की खोज की गई है ।

मध्य प्रदेश की गुफाओं का चित्र

कई स्थानों पर लगभग 30,000 गुफा चित्रों की खोज की गई है वर्तमान मध्यप्रदेश में मनुष्यों की बस्तियां मुख्य रूप से नर्मदा चंबल व बेतवा जैसी नदियों की घाटियों में विकसित हुई है

1956 राज्य पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश का गठन भाषीय आधार पर किया गया था उस समय मध्य प्रदेश में कुल 79 रियासतें थी इस समय मध्य प्रदेश में 8इस समय मध्य प्रदेश में 8 संभाग हुआ 43 जिले हैं।

वर्तमान मध्यप्रदेश मेंवर्तमान मध्य प्रदेश में 52 जिले तथा 10 संभाग हैं मध्य प्रदेश का 52 वा जिला निवाड़ी 1 अक्टूबर 202018 को अस्तित्व में आया था

मालवा परमालवा पर दक्षिण भारत के राष्ट्र क्रूड राजवंश का शासन आठवीं से1 सदी तक चला मध्यकालीन समय में ही

राजपूत मालवा के परमार बुंदेलखंड के चंदेल शासकों का अविभाव हुआ खजुराहो के मंदिर का निर्माण चंदेल शासकों ने करवाया था ।

हूणों के आक्रमण के बात गुप्त वंश के शासकों का पतन

हूणों के आक्रमण के बात गुप्त वंश के शासकों का पतन होने लगा और भारतवर्ष छोटे-छोटे टुकड़ों में बट गया मलवा के राजा यशोवर्मन ने गोर हूणों को हराया तथा उनके प्रचार को रोका गया

थानेसर के राजा हर्षवर्धन ने अपनी मृत्यु से पहले उत्तर भारत को पुनर्गठित किया स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद मध्य प्रदेश को तीन भागों में बांटा गया

भाग का भाग अथवां भाग ग भाग का की राजधानी नागपुर विभाग का की राजधानी ग्वालियर वह भाग का की राजधानी रीवा थी

परमार वंश के राजा भोज पाल बहु विध लेखक हुए


परमार वंश के राजा भोज पाल बहु विध लेखक हुए थे इसी के समय के आसपास महाकौशल हुआ गोडवाना क्षेत्र में गॉड साम्राज्य का जन्म हुआ था पश्चिमी मध्य प्रदेश पर 13 शादी सदी में तुर्कों ने अपना शासन चलाया था

दिल्ली सल्तनत के पतन के बाद अन्य क्षेत्रीय राजाओं का अभिभावक हुए इनमें ग्वालियर के घूमर वन इनमें ग्वालियर के गोबर वंश हुआ मलवा की मुस्लिम सल्तनत प्रमुख थे ।

औरंगजेब मृत्यु के पश्चात

1707 में सम्राट औरंगजेब की मृत्यु के बाद राज्य का मुगलों का मुगलों का नियंत्रण कमजोर हो गया था 1720 और 1760 के बीच मराठा अपने मध्य प्रदेश के बहुत से भागों पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया

क्षेत्र के प्रसिद्ध मराठा शासकों में महादजी शिंदे आहिल्याबाई होलकर और यशवंतरावव होल्कर शामिल थे तीसरे एंग्लो मराठा युद्ध के बाद ब्रिटिशो ने पूरे क्षेत्र का निरंतर अपने हाथ में ले लिया क्षेत्र के सभी प्रभुत्व राज्य ब्रिटिश भारत के प्रांतीय राज्य बन चुके थे

जिस पर केंद्रीय भारत एजेंसी का नियंत्रण था 1556 में पानी पद के दूसरे युद्ध में अकबर द्वारा हेमू को पराजित किए जाने के बाद ,मध्य प्रदेश का ज्यादातर भाग मुगलों के नियंत्रण में आ गया था

गोडवाना और महाकौशल गोड राजाओं के ही नियंत्रण में रहा, जिन्हे मुगल सचिव सरकार था लेकिन वे आभासी स्वायत्तता तथा का आनंद ले रहे थे ।

पूर्वभूत ब्रिटिश केंद्रीय प्रांत

भारत की आजादी के बाद पूर्वभूत ब्रिटिश केंद्रीय प्रांत और बरार और बरार के प्रांतीय राज्य और छत्तीसगढ़ को मिलाकर एक नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश और बरार के प्रांतीय राज्य और छत्तीसगढ़ को मिलाकर एक नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश राज्य की स्थापना हुई थी

राजधानी

इसकी राजधानी नागपुर है 1857 मे राज्य के उत्तरी भाग में तत्या टोपे के नेतृत्व में स्वतंत्रता क्रांति में जन्म लिया था। जब कि ब्रिटिश और प्रिंस रॉयल ने उसे कुचल दिया राज्य में बहुत सी ब्रिटिश विरोधी गतिविधियां हो चुकी थी

और भारतीय स्वतंत्रता अभियान के समय काफी लोगों ने मिलकर शोक का विरोध किया केंद्रीय भर्ती एजेंसी से ही मध्य भारत विधि से ही मध्य भारत विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्य की स्थापना की गई थी ।

मध्य प्रदेश में महान नेताओं का जन्म

बहुत से प्रसिद्धि नेता जैसे चंद्रशेखर आजाद, बी. आर .अंबेडकर ,शंकर दयाल शर्मा, और अटल बिहारी वाजपेई का जन्म मध्य प्रदेश में हुआ है

साथ ही दो प्रसिद्ध गायक, तानसेन और बैजू बावरा का जन्म मध्यप्रदेश में ही हुआ था प्रसिद्ध पर्स गायक किशोर कुमार(खण्डवा) ,और लतामंगेशकर (इंदौर )की मध्य प्रदेश के ही रहने वाले हैं
मध्य प्रदेश में कुल 49 जिले हैं

1अगरमालवा
2नीमुच, शहडोल ,छतरपुर ,इंदौर ,पन्ना,
शाजापुर ,
3,सिंगरौली, बुरहानपुर ,होशंगाबाद
4सिवनी , भोपाल ,हरदा ,
5विदिशा ,भिंड ,मोरेनाम
6सतना ,उमरिया ,गुना,
7बालाघाट ,अशोकनगर ,खण्डवा ,रेवा, टीकमगढ़, धार, सागर ,बरवानी ,डिंडोरी ,मंडला
8दतिया, बेतूल ,नरसिंहपुर ,मंदसौर ,शिवपुरी ,कटनी, सीधी
9दहोम
10अलीराजपुर
11उज्जैन
12रायसेन
13देवास
14झबुआ
15जबलपुर
16खरगोन
17रतलाम
18शेओपूर
19अनुपूर
20छिंदवाड़ा
49 जिले मध्य प्रदेश के

मध्य प्रदेश मे होने वाली परंपरा – Madhya Pradesh ki parampara)


मध्य प्रदेश राज्य में कला संस्कृति का अच्छा विकास और विस्तार देखने को मिलता है जहां सदियों से प्राचीन भारतीय संस्कृति को सहेज कर रखने और झलक देखने को मिलती है राज्य में प्रमुखता से शास्त्रीय संगीत का पूर्व काल से विकास हुआ

धर्म

यहां के समाज में इसका खाचा प्रचलन भी हुआ इसके साथ राज्य के विभिन्न प्रदेशों में लोकगीत भी पसंदीदा तौर पर गाया और सुनाया जाता है राज्य अंतर्गत हिंदू ,मुस्लिम ,सिख ,ईसाई ,बौद्ध ,तथा जैन धर्म के लोगों की संख्या प्रमुखता से देखने को मिलती है ।

मध्य प्रदेश की भाषा

जिसमें सबसे आबादी वाला धर्म हिंदू धर्म है इसके अलावा राज्य के लगभग सभी इलाकों में विभिन्न जनजातियों के लोग भी पाए जाते हैं

हिंदी भाषा को राज्य में आधिकारिक भाषा के तौर पर दर्जा प्राप्त हुआ है इसके अलावा अंग्रेजी, उर्दू ,बुंदेलखंडी, मालवीय मराठी छत्तीसगढ़ इत्यादि भाषाओं का भी उपयोग आमतौर पर किया जाता है

मध्य प्रदेश का भोजन –

मध्य प्रदेश में लोगों काभोज्य पदार्थ तथा राज्य में गेहूं ,ज्वार ,चावल, आज से बने व्यंजन प्रमुखता से खाए जाते हैं राज्य के महिलाओं का प्रमुख पहराव साड़ी होती है इसके अलावा लहंगा और चोली भी बड़े तौर पर पसंद किया जाता है ।

मध्य प्रदेश का पहनावा –

साड़ियों के प्रकारों में बंधनी साड़ी महेश्वरी और चंदेरी साड़ी का शाखा चलन दिखाई पड़ता है पुरुषों के प्रमुख पहनावे में यहां धोती कुर्ते मुख्य द्वार पर पगड़ी भी पहनी जाती है

मध्य प्रदेश के त्यौहार

राज्य अंतर्गत साल भर में आने वाले सभी प्रमुख त्यौहार जैसे दीपावली ,होली ,ईद ,बुद्ध पूर्णिमा ,क्रिसमस, दशहरा ,कृष्णजन्माष्टमी, रामनवमी महावीरजयंती नवरात्रि स्थिति आदि हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाते हैं।


नर्मदा मध्य प्रदेश की सबसे लंबी नदी है इसकी सहायक नदियों में बंजार तवा दी मचना शक्कर देवा और सोनभद्र नदी शामिल है ताप्ती नदी नर्मदा के ही समांतर बहती हैं और साथ ही यह दरार घाटी से भी ताप्ती नदी नर्मदा के ही समांतर बहती हैं और साथ ही यह दरार घाटी से होकर बहती है

नर्मदा और ताप्ती नदी में भरपूर मात्रा में पानी भरा हुआ होता है और मध्य प्रदेश की लगभग सभी जगहों पर यही पानी जाता है नर्मदा नदी को भारत में काफी पवित्र माना जाता है

मध्य प्रदेश में कुल 20 नदी है

1नर्मदा सरस्वती
2चंबल
3बेतवा
4, केन,
5सिंधु
6शिप्रा
7दर्शन
8माही
9काली
10पार्वती
11वैनगंगा
12जामनी
13जोहिला
14पेंच
15सुनार
16कन्हान
17तमसा
मध्य प्रदेश की नदिया

FAQs: madhya pradesh ka itihaas

यह बहुत प्रसिद्ध इलाका है या का पहनावा बोली भाषा सब अलग होती है यहां के लोग बहुत ही अद्भुत होते हैं जैसा कि आप लोग जान ही गए होंगे राजधानियां की क्या होती है और यहां कितने कितने लोगों का जन्म हुआ तो दोस्तों आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो आप अपने मित्रों के साथ शेयर जरूर करें धन्यवाद।

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