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सैन इतिहास एवं भूगो

सैन इतिहास के द्वारा हम अतीत की सैलरी क्रियाएं संगठनों शैलियों तथा विभिन्न कालों में हुए युद्धों का अध्ययन करके ही भावी युद्धों के लिए कुछ निष्कर्ष निकालतेे हैं किस काल में किस कारण किस सेना को पराजय मिली अथवा विजय प्राप्त हुई उनकोकिस काल में किस कारण किस सेना को पराजय मिली अथवा विजय प्राप्त हुई उनके कारण को भावी युद्धों में उत्पन्न ना होने देने का प्रयास किया जा सकता यह


युद्ध में कानून द्वारा स्थिति को मान्यता दी जाती है जो सीमित दो वेरी सद्भावना में कानून द्वारा मान्यता प्राप्त स्थिति है जो किन सीमित दो बैरी गुटों को अपने सैन्य बल द्वारा संघर्ष जारी रखने की आज्ञाकारिता है।

युद्ध

जूते कैसा हिंसात्मक कार्य है जिसके द्वारा एक राष्ट्रजूते कैसा हिंसात्मक कार्य है जिसके द्वारा एक राष्ट्र अथवा गुट विपक्षीअपनी इच्छा अनुकूल कार्य करने को बलपूर्वक बाद करना चाहता है

तालिका

1.आर्थिक आदि
2.भावात्मक सामाजिक
3.राजनीतिज्ञ विचारधारा में अंतर
4.सामाजिक आर्थिक
5.युद्ध में कानून द्वारा स्थिति को मान्यता दी जाती है
तालिका

युद्ध के प्रकर की सूची

1.आर्थिक युद्ध
2.मनोवैज्ञानिक युद्ध
3.हिंसात्मक युद्ध
4.शीत युद्ध
युद्ध कितने प्रकार के होते हैं और कितने होते हैं इसकी सूची दर्शाई गई है

आधुनिक युग की विशेषताएं की सूची

1.आधुनिक युद्ध में जनता भी प्रभावित होती है।
2.युद्ध यंत्रों से चलित होते हैं
3.युद्ध की कोई सीमा नहीं है
आधुनिक युग की विशेषताएं की सूची है जो बताई गई है दिखाई गई है

गोरिल्ला ग्राफा मार युद्ध


गुरिल्ला शब्द का लेटर लघु युद्ध से हैइसका उपयोग विशिष्ट गैर-पेशेवर सैनिकों द्वारा किया जाता है! जो अपने राष्ट्र की नियमित सेना या अन्य किसी आक्रमणकारी सेना के समर्थन में या राष्ट्र के किसी भौगोलिक क्षेत्र । पर अधिकार करने वाले सेना का विरोध करते हैं छायापामार कार्यवाही शक्तिशाली के विरुद्ध कमजोर पक्ष का प्रमुख हथियार है जिनकी हमलावर मारो और अन्य पर आधारित है। गुरिल्ला युद्ध का मुख्य उद्देश शत्रु को परेशान करके उसकी माँ ने स्थिति में इतना जंजावत पैदा कर देता है कि वे मनोवैज्ञानिक रूप से हिचकिचाते हथियार डाल दे

युद्ध की सफलता में कुछ महत्वपूर्ण भूमिका की सूची

1.जन सहयोग
2.नवीनतम सूचना
3.आधार एवं भूमि
4.तोड़फोड़
5.अनुशासन एवं नेतृत्व
6.दृढ़ इच्छा शक्ति
7.लचीली नौकरीएं
8.गतिशीलता
9.समर तंत्र
10.समय व स्थान
तालीका

प्राचीन भारत का सैन्य तंत्र


ऋग्वेद में पता चलता है कि आर्यो के पास चतुरगणि सेना थी अर्थत रथ हाथी अश्व् व पैदल सेना के पास धनेश्वर बाणसेना के। फरसा तलवार व खुफिया हथियार थे। सेना को लड़ाई के मैदान में दंडब्यूह मंडलकार। व्यूह चक्रव्यूह दिखने में खड़ा हुआ ।

1.भारत में मुगलों के आने पर युद्ध में तोपों का तथा गोला डायनामाइट का प्रयोग होने लगा तोपों के बल पर ही बाबर ने इब्राहिम लोदी की एक बड़ी फौज को हरा दिया था
2.घोड़ों में हाथी के अपेक्षाकृत अधिक होता हैअतः रथत सेना भगत सेना का महत्व धीरे-धीरे कम होने लगता है
3.क्योंकि घोड़ों में हाथी के अपेक्षाकृत अधिक होता हैअतः रथत सेना भगत सेना का महत्व धीरे-धीरे कम होने लगता है
4.मुस्लिम के भारत में आने पर गुणों का नकाब का प्रयोग होने के कारण युद्ध कौशल में भारी परिवर्तन हुवा
5.इस अवधि में हाथियों को घोड़ों का अभ्यास मुक्ता सामान ढोने में सूचना एकत्रीकरण के लिए चलाया जाता था।
तालिका

भाटी राजा युधिष्ठिर में अपनी सेना निम्न प्रकार से खाते थे सबसे आगे हाथी से ना उसके पीछे पैदल सेना और राइट और लेफ्ट घुड़सवार सेना पूरी सेना के साथ एक लड़की थी और सेना में आरक्षित सेना नहीं थी। जबकि आक्रमणकारी सेना में घुड़सवार पैदल सेना व तोपखाना मुख्य अंग थे और वह रिजर्व में हमेशा ना रहते थे जो भारतीय सेना में आक्रमण करके हरी चेतावनी देते थे

शाहजहां जहां गीर द्वारा पूर्वी कंपनी को भारत में व्यापारकरने की आज्ञा प्रदान

सन 1751 में कर्नल क्लाइव ने भारतीयों को संगठित किया और वे यूरोपियन प्रकार से प्रशिक्षित किए गए सैनिकों के सूबेदार कहलाते थे जो भारतीय होते थे और बटालियन कमांडर ब्रिटिश करते थे


सन 1617सन 1617 में शाह जहां जहांगीर द्वारा पूर्वी कंपनी को भारत में व्यापार करने की आज्ञा प्रदान की गई कंपनी ने अपनी रक्षा के लिए सन 1683 में भारतीय अधिकारियों की अधीर दो राजपूत कंपनियों मुंबई में देखने वाली कीधीमे अधिकृत ईस्ट इंडिया कंपनी अपने कर्मचारियों में वृद्धि होती रहती है और बाद में अंग्रेजों ने भारतीय सैनिकों का एक रेजीमेंट बना दिया

1857 की स्वतंत्रता की लड़ाई के बाद भारत पर ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त हो गया और इसके स्थान पर भारत की सत्ता महारानी विक्टोरिया के हाथों में चली गई।

भारत में एक वे भारत में एक वायसराय की नियुक्ति की तथा इंग्लैंड में सेक्रेटरी ऑफ स्टेट नियुक्त किए गए जो भारतीय मामलों में उन्हें सलाह देता था स्वतंत्रता की लड़ाई के कारण सेना भारतीयों की संख्या कम कर दी गई सैनिक ट्रांसपोर्ट सेना का संगठन और जैविक परिवहन सेना का संगठन यह और पायनियर गोरवा सैनिक अस्पताल में संगठित किया गया।

18 से 95 में प्रेसीडेंसी सेना का स्वतंत्र अस्तित्व समाप्त कर दिया गया और संपूर्ण भारत को पंजाब बंगाल मद्रासतथा मुंबई कमांड में समूहित प्रत्येक कमांड का कमांडरतथा मुंबई कमांड में अधिकार प्रत्येक कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी बनाए गए जो भारत के सचिव के अधिकारी थे प्रति उत्तरदायी था

सन (1900) में सेना को 0.303 राइफल एवं मशीन गन दी गई! सन (1902) में लॉर्ड किचन और भारतीय सेना के जनरल बने! उन्होंने भारत की लड़ाई में प्रभावित जातियों को के लोगों की नई रेजीमेंट लेने वाली और पेंशनभोगी पेंशन और यूएन सुविधाओं को भी पहले अच्छी तरह से पकड़ने का प्रयास किया।

(1914) प्रथम विश्वयुद्ध मैं प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ उसी समय तक भारतीय सेना के दो ही कार्य समझे गए थे

1.आवश्यकता पर युद्ध में इंग्लैंड की सेना की सहायता करना !
2.भारत में अंतरिक्ष शांति प्राप्त करें
1914 का प्रथम युद्ध

प्रथम विश्व युद्ध


प्रथम विश्व युद्ध में टैंक मोटर और वायु यान का प्रयोग किया गया! उस समय सेना का महत्व फिर बढ़ गया इस युद्ध में भारतीय सेनाएं फ्रांस पूर्वी अफ्रीका और मिश्रित आदि देशों में लड़ाई शुरू हुई प्रथम विश्व युद्ध में सेना के कई से दो प्रकट हुए
इसलिए इसमें कई परिवर्तन किए गए!19!जजमेंटलटल सेंटर लाईन पर निर्धारित कार्य सूची की भर्ती करना और सीखना था भारतीय प्रदेशिक सेना की स्थापना हुई अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए (1922) रेख में मिलिट्री कॉलेज खोला गया!

द्वितीय विश्व युद्ध


3 सितंबर 1939 को जर्मनी ने पोलैंड पर आक्रमण किया
द्वितीय विश्व युद्ध शुरू किया जो 6 अगस्त को हिरोशिमा 1 अगस्त को 1945 में नागरिकों के नगरों में!अमेरिका द्वारा और विस्फोट करने के बाद हुई इस लड़ाई में प्रमुख लड़ाई देश जर्मनी इटली और जापान आदि थे जिन के विरोध में अमेरिका फ्रांस बेल्जियम हालैंड ब्रिटेन रूस आदि देश है
इस युद्ध में नौसेना वायु सेना ने भाग लिया और समय को रायपुर तोवह वायु सेना ने भाग लिया और समय को रायपुर टू तथा एटम बम का प्रयोग इस युद्ध में वायु शक्ति का हुआ महत्व बढ़ गया!

इस आर्टिकल पर भारत के यौद्धो का वर्णन किया गया है आप ध्यान पूर्वक पड़े ।दोस्तों आप ये जान पा रहे होगे की भरत मे कितने युद्ध हुवे और इन दिनों हमारे देश को कौन कौन से बुरी परेशानियों से गुजरना पड़ा आपको हमारा अरटीकल पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करे धन्यवाद।

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