kocaeli escortizmit escortkocaeli escortizmit escortescort bayankocaeli escortantalya escortantalya escort bayanescort antalyakonyaaltı escortantalya otele gelen escortdeneme bonusu veren sitelerdeneme bonusudeneme bonusukonya escortkonya escorthacklinkdeneme bonusu veren sitelerBebek Escort hacklinktaraftarium24toscanello purocaptain blackmarlboro double fusionmarvel sigaraharvest sigarasenator sigarakalpli sigaramilano sigarakeno club sigaradjarum blackal capone sigarayeşil periiqos sigaraBackwoods puroSobranie sigaradavidoff sigara

दोस्तों अगर आप भी योगा के बारे में जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को बहुत ही ध्यानपूर्वक पढ़ें इसमें योगा से जुड़ी आपकी पूरी जानकारी आपको प्राप्त होगी ताकि आप बीमार ना हो सकेे। आपका परिवार स्वस्थ रहेंं और इसके पढ़ने सेेेे लाभ भी है अगर आपके घर में आपका बच्चा पड़ता है नाााा त्यं

चित्र के माध्यम से आपको सारे अवस्था। दिखााई जाएगी

योगा हमारे जीवन में बहुत ही लाभ है इससे हमारे शरीर में रक्त पूरी तरह से शुद्ध और स्वस्थ होता है इसके बारे में हम आपको कुछ जानकारियां दे रहे हैं आप इसे पढ़ें भली-अलग पूरा करने का प्रयास करें। यदि आप सही से सही नहीं कर रहे हैं तो आपके स्वास्थ्य को नुकसान होता है

योगा के लाभ की तालिका

1. योग आपका स्वस्थ बनता है। और आपके शरीर में कोई भी बीमारी नहीं होती है।यदि कोई बीमारी भी होती है तो ठीक हो जाती है
2.शारीरिक एवं मानसिक शक्ति का विकास
3.रोगों से रक्षा, वीर्य की रक्षा
4.पाचन शक्ति की सुव्यवस्था, नेत्रों की ज्योति का स्थिर होना
5.भोजन में रुचि और वृद्धि, मस्तिष्क की शक्ति संपन्न होना
6.मल मूत्र प्राकृतिक त्याग की स्थिति
योगा की तालिका के लाभ कुछ इस तरीके से हैं

योगा कि यह निम्न अवस्थाएं हैं यदि आप चाहे तो इनका अभ्यास करें इससे आपका स्वास्थ्य पूर्ण रहेगा और मजबूत रहेगा बीमारियां बिल्कुल से नहीं होंगी

हमारे शारीरिक एवं मानसिक शक्ति का विकास होता है हमारे शरीर के सारे कोशिकाएं भली-भांति मजबूत और रोगों से रक्षा करता है

सूर्य नमस्कार के ऊपर 12 अवस्था है इनके दिए गए क्रम से आप देखकर इन का प्रयास कर हाय इनके निम्न मंत्र है इनको देखकर आप अवस्था पर बोले

आसनों के मंत्र की सूची

1.ओमा अकार्य नमः
2. ॐ सविच्छे नमा :
3.ओम आदित्य नमः
4.ओम मारीचाये नमः
5.ओम भास्कर नमः
6.ओम मित्रए नमः
7.ओम खगाय नमः
8.ओम भानवे नमः
9.ओम सविचय नमः
10.ओम रवे नमः
11.ओम नमः
12.ओम हिरण्याभर्य नाम:
कुछ इस तरीके से योग के मंत्र है

योग के चरण कितने होते है।

1.अवस्था

सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं दोनों हाथों को सूर्य नमस्कार करने के दोनों हाथों की स्थिति में ले जाएं! पापी हैं और सामान्य सुभाष ले! फिर दोनों हाथों को अपनी बगल में ढीला छोड़ दें और सीधे सीधे देखें और सुभाष को सामान्य रूप में लेते रहें

2.अवस्था


धीरे-धीरे सांस लेते हुए दोनों हाथों को आकाश की ओर रूढ़ियों को सामने देखते हुए हाथ को जानें कि पीछे ले जाएं अपने शरीर को पीछे की ओर जहां तक ​​आराम से हो सके धनुषाकर खींचे। हात कान से। लगेगी

3.अवस्था


अब उसी गति से स्वास हुए सीधे होने के बाद आगे की ओर झुकझुकते हाथों को समेट लें और उन्हें मुड़ें ठीक ना!जमीन पर लाकर दोनों सीधे के करीब या सामने टिकाए! घुटने जाँघे टांगें सीधे जा रहे हैं! हथेलियां जब नीचे के टीके उस समय तक श्वास तक पहुंचती हैं!ध्यान रखें कि सिर दोनों भाइयों के बीच में नीचे की ओर रहें! कमर का ऊपरी हिस्सा बिल्कुल लीकेज!ताकत ना खतरे में शुरू में जमीन पर टिकेंगे तो अंगुलियों से ही धरती को छूना काफी होगा!

4.अवस्था


दाया पांव आगे करें स्नायु दिखाते हुए बाया पैर घुटने
पर टिकाए जांग हुए दगे के भी ज्यादा से ज्यादा जगह पर रहें ऊपर देखें

5.अवस्था


द्वारा पाव को भी पीछे ले जाएं दोनों टांगों का पेट को सताए और ऐसा करते हुए !चौथी राज्य में खींची हुई श्वास को छोड़ दें

6.अवस्था


सांस लेते हुए ही कोहनियों को घुमाते हुए पूरे शरीर को पृथ्वी के करीब ले जाएं लेकिन केवल छाती ठोड़ी, घुटनों और पंजों से ही स्पर्श करें पिछले हिस्से का वह हिस्सा जहां कभी देखने का एहसास थाउसे ऊपर की ओर और अधिक ताने लें

7.अवस्था


सिर के पीछे की ओर ताने का स्पर्श प्राप्त करें, इसके साथ ही उतने ही अधिक विशेष पाठ को पीछे की ओर मुड़ें यह क्रिया करते हुए स्वास खींचे

8.अवस्था


सांस लेते हुए गिरे हुए व्यक्ति जो सभी ऊपर से समान शरीर से अलग “अक्षर बनाएं पाव और हथेलियां जमीन पर टिकी रहें

9.अवस्था


राइट टांगआगे जिम्मेआगे देखें कि दोनों हाथों के बीच में टिका है ऐसा करते हुए सांस खींचे।

10.अवस्था


बाया टांग भी आगे ले गएघुना सीधे सिर नीचे की ओर करें और इस प्रकार तीसरी अवस्था में आ जाएं इस क्रिया के साथ सांस छोड़ें।

11.अवस्था


अब सांस लेते हुए शरीर को सीधा करें और शरीर व हांतो को पीछे तनते हुवे दूसरे राज्य में आएं

12.अवस्था


पहले अवस्था में जायें आराम से रुकें और फिर सूर्य को नमस्कार करें

प्राणायाम के प्रमुख अंग होते हैं

प्राणायाम के प्रमुख अंग होते हैं जो सूची द्वारा दर्शाया गया है उसको बहुत ही आराम से और शालीनता के साथ पढ़ ले ।

प्राणायाम की सूची

रेचक:श्वास को बाहर छोड़ना
पूरक:स्वष को भीतर लेना
कुंभका:सास को रोकना सांस को भीतर रोकने की क्रिया को कुंभक तथा कुंभक तथा बाहर रोकने की क्रिया को वहीकुभरक कहते हैं
कुछ इस प्रकार सूची है

अनुलोम विलोम कैसे करें

1.पद्मासन सिद्धासन या सुखासन में बैठ जाएं अब दोनों नथुनी से पूरा श्वास बाहर निकाल दें
2.इसके बाद दाहिने हाथ के अंगूठे से नाक के दाहिने नथुने को बंद करके बाय नथुने से सुख पूर्वक धीरे से सास ले
3.शक्ति सांस को रोक रखें फिर बाएं नथुने से सुख पूर्वक उंगली से बंद करके सांसो को दाहिने नथुने से धीरे-धीरे छोड़े
4.इस प्रकार सांस को पूरा बाहर निकाल दें0 और फिर दोनों नथुनी को बंद करके सांस को बाहर ही सुख पूर्वक कुछ देर तक रोक रखें
5.अब पुनः दाहिने नथुने से श्वास लें और फिर थोड़े समय तक रोककर बाएं नथुने से श्वास धीरे-धीरे छोड़ें
6.पूरा सास बाहर निकल जाने के बाद कुछ समय तक रोक रखते हैं
7.यह एक प्राणायम पूरा हुआ
8.प्रणाम का श्वास लेने का टाइम 1_4_2_2 यदि 5 सेकंड सांस लेने में लगाएं तो 20 सेकंड रोके 10 सेकंड उसे छोड़ने में लगाएं 10 सेकंड बाहर रोके
9.आदर्श अनुपात है
10.धीरे-धीरे नियमित अभ्यास द्वारा इस स्थिति को प्राप्त किया जा सकता है
11.अनुलोम विलोम बहुत ही सही तरीके से करना चाहिए
यह अनुलोम विलोम की विधि है

दोस्तों हमने आज के आर्टिकल में योगा से संबंधित जानकारी लिखि हाय आप इन को ध्यानपूर्वक पढ़ें ज्यादातर बच्चों के लिए जरूरी है आपसे उम्मीद करते हैं कि यह आर्टिकल बहुत अच्छा होगा अपने दोस्तों मित्रों के साथ शेयर जरूर करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *