नमस्कार दोस्तों आज हम आपको मुख्य बीमारियों से बचने के उपाय तथा उनके लक्षणओ को बतायगे आपका स्वास्थ्य कैसे ठीक रहे , आपको किन – किन चीजों का परहेज करना होगा ! आज क इस आरिटकल के पेज पर बहुत हि अदभुद और पूर्ण तरीके से समझायगे आज क लोग बहर का खाना खाते है और बीमारि हो जाति है उन्हे ऐसे रोगो से उनका ठीक होना मुश्किल होता है तो दोस्तो आइये हम आपको समझाये !
इस लेख के पेज में हम आपके विभिन्न विज्ञापनों के बारे में हैं। प्रतिबद्धता के बचाव व उपाय, हस्ताक्षर के लक्षण, रोगकैसे हो जाते हैं, यह भी सब्सक्राइब आप सावधानीपूर्वक सभी लेखों पर ध्यान दें हमारे बयान के बारे में हम पैराग्राफ के तरीके से यह लेख बहुत ही रुचि कार है

एड्स के लक्षण –
ध्यान दे-
घातक बीमारी एचआईवी (एचआईवी) मानव अभिरक्षा वायरस पैदा करते हैं विज्ञापन शब्द से प्रमाणीकरण एक प्राप्त हुए हैं। जिम्मेदार शरीर के दावे से लड़ने की क्षमता सैंड्रोम लक्षणों का समूह है। शरीर में एचआईवी वायरस दर्ज करने के बाद मरीज को शिकायत से लड़ने की क्षमता धीरे-धीरे शुरू करते हैंकथा व सामान्य लोग प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाते हैं जबकि स्वास्थ्य मनुष्य को कोई हानि नहीं होती है। नहीं होता है। एचआईवी वायरस का रक्त में प्रवेश करने और उसके विकसित होने के बीच कुछ महीनों से लेकर कई वर्षों तक हो सकता है
एड्स सूची
रक्त | चाँद चढ़ाने, वस्तुओं से युक्त वस्तुओं के प्रयोग से, विही द्रव्यों का शिराओं के द्वारा रक्त शरीर में लेने से , |
माता गर्भ से जाग्रत | माता से नवजात शिशू को एड्स हो जाता है |
शरीर में कोई लक्षण प्रकट नहीं होता है, बाद में बस कोई कारण के वजन में कमी आना एक महीने से अधिक बुखार लगातार प्यास आना माथे बगल या जांघों के ग्रंथि का सूजन मुंह और जीभ पर सफेद चकत्ते पड़ना अन्य बीमारियों और दस्तों का इलाज पर भी नहीं रुकनाg
एच.आई.वी. संक्रमण पश्चचात लक्षण
1. | एच.आई.वी संक्रमण का पता नहीं लग सकता- जब तक कि रक्त की जांच ना की जावे |
2. | उपरोक्त सभी लक्षण अन्य सामान्य वचन, वास्तविक उपचार हो सकता है, के भी हो सकता है |
3. | दोने दार/चकते हो जाना |
4. | मूंह में घाव हो जाना। |
5. | मूंह |
6. | नुकसान की चीजें खाना |
7. | लगातार कई-कई हफ्ते बुखार रहना। |
8. | लगातार कई-कई हफ्ते अतिसार घटते जाना। |
9. | गले या बगल में सूजन भरी गिल्ट्टीयो |
कुष्ठ रोग कसे होता है
कुष्ठ रोग (माइको बैक्टीरिया लेप्रे) ओरा लीप्रेसी वासिलस द्वारा होता है। कुष्ठ रोग दो प्रकार के होते हैं

(1).संक्रमण
रोगी की चमड़ी व अन्य स्वस्थ व्यक्ति की चमड़ी से निरंतर संपर्क रहने के कारण यह रोग स्वस्थ व्यक्ति को लग सकता हैभारत में संक्रामक रोगियों की संख्या कुष्ठ रोगियों की संस्था का 10 – 15% है!
(2).असंक्रामक
इस प्रकार के रोगी छूट द्वारा रोग नहीं फैलाते!
कुष्ठ रोग के लक्षण
कुष्ठ रोग के कीटाणुओं के शरीर में प्रवेश कर लेने के बाद इसके लक्षण प्रकट होने में 2 – 5 वर्ष तक समय लगता हैशुरू में शरीर में एक या अधिक चपटे मोटे पीले या चक्कते हो जाते हैं चकत्ते वाला स्थान सुनवा दर्द हीन हो जाता है।
त्वचा पर सर्दी गर्मी का विशेष आभास नहीं होता है ऊपर से देखने पर त्वचा चमकदार चिकनी मुलायम लाल दिखाई देती हैबाद में चेहरा व संपूर्ण शरीर में सूजन आंखों का विकृत हो जाना अंगुलियां व पैरों में जख्म हो जाना इनके लक्षण है।
कुष्ठ रोग का उपचार
यदि शुरू में लक्षण प्रकट होते हैं ही कुष्ठ रोग का नियमित रूप से उपचार लिया जाता है इसे पूर्णतया ठीक होने से 6 माह से 3 वर्ष का समय लग जाता है। कुष्ठ रोग में एम.डी.टी डेपसोन औषधि का समान रूप से प्रयोग किया जाता है। जा रहे हैं। कुष्ठ को चोट लगने व आग लगने से स्वयं को बचाना चाहिए और बिना कील लगे जूते चप्पल पहननी चाहिए।चाहिए था।
कुष्ठ रोग के बचाव की तालिका
(1). | उन्हें थैलिडोमाइड कभी नहीं लेनी चाहिए। यह गंभीर जन्म दोष पैदा कर सकता है। |
(2). | एंटीबायोटिक भी दे सकते |
(3). | अगर कुष्ठ रोगी को सूजन की समस्या ज्यादा है तो वह रोगी को एस्पिरिन (बायर), प्रेडनिसोन (रेयोस), या थैलिडोमाइड (थैलोमिड) जैसी कोई सूजन-रोधी दवा लेने की सलाह भी दे सकते हैं। |
(4). | कुष्ठ रोग में डॉक्टर आहार का खास ख्याल रखने और नशे से दूर रहने की सलाह देने के साथ-साथ |
(5). | भारत में भी केंद्र सरकार कुष्ठ रोग का मुफ्त उपचार देती है। |
(6). | विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी प्रकार के कुष्ठ रोग को ठीक करने के लिए 1995 में एक मल्टी ड्रग थेरेपी विकसित की है |
(7). | उन्हें थैलिडोमाइड कभी नहीं लेनी चाहिए। यह गंभीर जन्म दोष पैदा कर सकता है। कुष्ठ रोग |
कैंसर

कैंसर क्या है
साधारणतया शरीर के कोच और उत्तक एक अनुशासित नियम से बढ़ते है । पर जब शरीर के जिस हिस्से में यह बहुत तेजी से वह अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं तो यह बढ़ोतरी कुछ अतिरिक्त गुल्मो लोथड़ो के रूप प्रकट होकर प्रकट होकर शरीर के सम्मान को शो को नष्ट करने लगती है इस प्रक्रिया को कैंसर कहते हैं।
कैंसर के कारण
चिकित्सा विज्ञान अभी तक कैंसर के चिकित्सा अभी तक कैंसर के विशेष प्रत्यक्ष कारणों को खोज नहीं पाया है बाहरी कारणों में प्राकृतिक जीवन वायु का प्रदूषण पान में ली, तंबाकू, गुटका, कपूरी तंबाकू, सिगरेट, हुक्का, का सेवन, क्रमीनाशक औषधियों में खाने-पीने की वस्तुओं को मिलाने वाले औषधी खाद्य पदार्थों में एक साथ और विशेष प्रकार के वायरस कैंसर पैदा करते हैं
कैंसर के लक्षण की सूची
1. | खांसी बिना चहरे के साथ लगातार बने रहने से सामान ठीक नहीं हो सकता |
2. | भोजन का दुर्घटना में गंभीर हो बड़ी उम्र में लगातार रक्त बवासीर बने रहने से हाजमा बिगड़ रहे हैं पेट में परेशानी परेशान हो रही है! |
3. | खाल के ऊपर कोई कील मसा सामान्य से बड़ा लगे रंग बदलने लगे। रंग बदलने लगे और उससे खून निकलने लगा |
4. | मुंह के अंदर प्रमुख गब द्वार या बड़ा पर कोई छाला हो जो 3 सप्ताह के सामान्य उपचार से ठीक नहीं है |
5. | आवाज का भारीपन अधिक दिनों तक रहेगा सामान्य इलाज से ठीक ना हो |
6. | वच्छ में बड़े छोटे गाट का निर्माण होना |
कैंसर का उपचार कैसे करें
शुरुआती निर्णय में जांच हो जाने पर ज्यादातर मामलों में हुई कैंसर की सफल चिकित्सा संभव है!यह चिकित्सा तीन प्रकार की होती हैयह चिकित्सा तीन प्रकार की है
1. | सर्जरी |
2. | कैंसर की विशेष औषधियों द्वारा |
3. | रेडियोथैरेपी |

आपके बारे में हमने आपको अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए रोग के लक्षणों पर ध्यान देने की सूचना दी है, जिससे आपका स्वास्थ्य बिगड़ा ना हो स्वस्थ और मजबूत रहने वाली बीमारियां ज्यादातर नुकसान ऐसी बीमारियों से आपको ज्यादातर नुकसान होता है, आपकी त्वचा को खाने से खाने से और कुछ बातों से भी प्रभावित होते हैं। आपको ध्यान देना है कि आप किसी बीमार व्यक्ति के पास ज्यादा उठना बैठना नहीं है आप उतना ही उतना ही दूरी रखते हैं।